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योजना का विवरण
इस योजना का लक्ष्य दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए विकास केंद्रों की स्थापना करना है। पंजीकृत संगठनों को विकास केंद्रों में कम से कम निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान करना आवश्यक है:
II. दैनिक देखभाल
पंजीकृत संगठनों द्वारा दिव्यांगजनों को एक दिन में कम से कम 6 घंटे (सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे के बीच) कि दैनिक-देखभाल की सुविधा प्रदान किया जाना चाहिए। दैनिक-देखभाल केन्द्र एक महीने में कम से कम 21 दिनों तक अवश्य खुला हुआ होना चाहिए। एक विकास केंद्र के लिए दिव्यांगजनों के समूह का आकार 30 निर्धारित किया गया है। राष्ट्रीय न्यास के अन्तर्गत निधि के लिए विकास केंद्र में दिव्यांगजनों की आवश्यक न्यूनतम उपस्थिति कम से कम 15 दिन होना आवश्यक है।
एक विकास केंद्र के लिए दिव्यांगजनों के समूह का आकार 30 निर्धारित है लेकिन वे विशेष परिस्थितियों में इस संख्या में 30% यानि 39 तक की वृद्धि कर सकते है। किसी विकास केन्द्र में दिव्यांगजनों की संख्या 39 होने के बाद अतिरिक्त नामांकन की अनुमति नहीं दी जाएगी। दिव्यांगजनों की संख्या 39 होने के बाद पंजीकृत संगठनों को नए विकास केंद्र के लिए फिर से नामांकन कराना होगा।
पंजीकृत संगठनों को एलआईजी (बीपीएल सहित) और एलआईजी दिव्यांगजनों के लिए 1:1 के अनुपात को बनाए रखना चाहिए (पंजीकृत संगठनों को जिन सीटों का भुगतान किया जाएगा)। पंजीकृत संगठनों द्वारा अतिरिक्त एलआईजी सीटों के लिए भुगतान शामिल पंजीकृत संगठन और अन्य पार्टीयों (माता-पिता, अभिभावकों, परिवार के सदस्यों, आरओ या किसी अन्य संस्थान/व्यक्तिगत) के बीच आपसी सहमति के नियमों और शर्तों के अनुसार माता पिता, अभिभावक, परिवार के सदस्यों, आरओ या किसी अन्य संस्थान/व्यक्ति से प्राप्त किया जा सकता है। पंजीकृत संगठन विकास केंद्रों में दिव्यांगजनों के अधिक भागीदारी के लिए बाल रोग या इस क्षेत्र के विशेषज्ञों से संपर्क कर सकते है।
विकास केंद्र में दिव्यांगजनों के लिए एक चिकित्सा या मूल्यांकन कक्ष (चिकित्सीय यंत्रों और उपकरणों की उपलब्धता के साथ), एक गतिविधि या व्यावसायिक कक्ष और एक मनोरंजन कक्ष (सभी कक्ष उचित आकार के होने चाहिए) होना चाहिए। विकास केंद्र में कार्यालय के कार्यों और राष्ट्रीय न्यास को रिपोर्ट या निधि अनुरोध आदि भेजने के लिए एक कंप्यूटर, स्कैनर और नेट कनेक्शन उपलब्ध होना चाहिए। राष्ट्रीय न्यास द्वारा पंजीकृत संगठनों को कार्य केन्द्रों की स्थापना के लिए सहायता विकास केन्द्र के लिए आवश्यक स्थान की उपलब्धता और आवेदन की व्यवहार्यता के आधार पर दी जाएगी।
क्रम संख्या | निधियन का प्रकार | राशि (भारतीय रु. में) | राशि वितरण की समय-सीमा |
---|---|---|---|
1 | स्थापना की लागत | 1, 95,000/- रु. | एक बार |
2 | मासिक आवर्ती लागत | 3,850/- रु. प्रति दिव्यांगजन, प्रति माह | मासिक |
3 | आपदा राशि | 3,850/- प्रति दिव्यांगजन, प्रति माह | जरुरत के अनुसार |
4 | कार्य केंद्रों के लिए स्थापना लागत (अगर आरओ द्वारा इस सुविधा का लाभ उठाया गया है तो) | 25,000/- रु. से 1,00,000/- रु. तक | स्थिति के आधार पर |
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राष्ट्रीय न्यास निम्नलिखित तीन बिन्दुओं के तहत विकास केंद्र को धन उपलब्ध कराता हैः
यह एक गैर-आवर्ती तथा एक बार प्रदान की जाने वाली लागत है, जो विकास केंद्र को शुरू करने के लिए पंजीकृत संगठनों को प्रदान की जाती है। राष्ट्रीय न्यास से अनुदान के अलावा, पंजीकृत संगठन विकास केंद्र की अवसंरचना में सुधार के लिए अन्य स्रोतों से अनुदान प्राप्त करने के लिए स्वतंत्र है। पंजीकृत संगठन अपने पसंद के स्थानों पर विकास केंद्र की स्थापना के लिए आवश्यक उत्पाद एवम सामग्री खरीदने के लिए भी स्वतंत्र है। पंजीकृत संगठन द्वारा किसी अन्य स्रोत से प्राप्त अतिरिक्त धन के संबंध में राष्ट्रीय न्यास द्वारा स्थापना लागत में किसी प्रकार की कटौती नहीं की जाएगी।
राष्ट्रीय न्यास द्वारा विकास केंद्र को निर्धारित अवधि के बाद अधिकतम 3 महीने के लिए निर्वाह लागत प्रदान की जाएगी। पंजीकृत संगठन को स्थापना के प्रारम्भिक महिने में विकास केंद्र को संचालित करने में किसी प्रकार की समस्या न आये इसीलिए राष्ट्रीय न्यास द्वारा इस लागत का भुगतान किया जाएगा। निर्वाह लागत का भुगतान दिव्यांगजनों की विकास केंद्र में संख्या, कर्मचारियों कि संख्या तथा उपलब्ध सुविधाओं को सुनिश्चित करने के बाद ही किया जाएगा। निर्वाह लागत प्रदान करने का मुख्य उद्देश्य पंजीकृत संगठन को बिना किसी कठिनाई के केंद्र को चलाने में सक्षम करना है। इसके साथ ही हम ऐसा विश्वास करते है की पंजीकृत संगठन निर्धारित अवधि में विकास केन्द्र को चलाने में सक्षम हो जाएगें।
निर्वाह के लिए पात्रता मानदंड
राष्ट्रीय न्यास द्वारा निर्वाह लागत तभी प्रदान की जाएगी जब प्रारंभिक तीन महीनों में विकास केंद्र में दिव्यांगजनों की न्यूनतम संख्या (इस मामले में 4) कम से कम 20% हो। विकास केंद्र को कम से कम 4 दिव्यांगजनों के नामांकन के बाद ही चालू किया जा सकता है।
निर्वाह लागत की गणना
निर्वाह लागत की गणना समानुपातिक आधार पर की जाएगी जोकी दिव्यांगजनों की निर्धारित संख्या और 3 महीने के दौरान केंद्र में वास्तविक दिव्यांगजनों की संख्या पर आधारित होगी।
उदाहरण के लिए, अगर विकास केंद्र के संचालन के पहले महीने में 6 दिव्यांगजन नामांकित है, तब निर्वाह लागत का भुगतान 30-6 = 24 दिव्यांगजनों के लिए ही किया जाएगा। हालांकि, जिन 6 दिव्यांगजनों का नामांकन पहले से ही हो चुका है, उनके लिए मासिक आवर्ती लागत का भुगतान योजना के अनुसार किया जाएगा।
निर्वाह की वैधता
निर्वाह लागत का प्रावधान विकास केंद्र को निश्चित समय पर शुरू करने पर आधारित है। विकास केंद्र का संचालन स्थापना लागत की प्राप्ति से एक महीने के भीतर शुरू कर दिया जाना चाहिए। अगर किसी मामले में विकास केंद्र की शुरुआत निर्धारित एक महीने में नहीं होती है (यानि, विकास केंद्र के संचालन का कार्य स्थापना लागत की प्राप्ति से 2 महीने के भीतर भी शुरू नहीं किया है) तो, निर्वाह राशि में देरी की अवधि के आधार पर कटौती की जाएगी। उदाहरण के लिए, अगर विकास केंद्र का संचालन स्थापना लागत प्रदान करने के तीन महीने के भीतर शुरू कर दिया जाता है तो, निर्वाह लागत केवल 2 महीने के लिए ही प्रदान किया जाएगा। इसी तरह, अगर विकास केंद्र का संचालन स्थापना लागत प्रदान करने के चार महीने के भीतर शुरू कर दिया जाता है तो, निर्वाह लागत केवल 1 महीने के लिए ही उपलब्ध कराया जाएगा।
अगर किसी मामले में विकास केंद्र अपने संचालन की शुरुआत से एक वर्ष के भीतर बंद हो जाता है तो, विकास केंद्र के लिए संबंधित पंजीकृत संगठन को दी गयी निर्वाह लागत को राष्ट्रीय न्यास द्वारा वापस ले लिया जाएगा।
राष्ट्रीय न्यास द्वारा विकास केंद्र के संचालन के पहले महीने से वित्त पोषण के पात्र सभी दिव्यांगजनों के लिए मासिक आवर्ती लागत का भुगतान किया जाएगा। राष्ट्रीय न्यास द्वारा विकास केंद्र के लिए भुगतान तभी किया जाएगा जब विकास केंद्र में दिव्यांगजनों की न्यूनतम संख्या निर्धारित संख्या का 30% (अर्थात् इस मामले में 6) हो।
राष्ट्रीय न्यास द्वारा दिव्यांगजनों के लिए निधि का भुगतान निम्न शर्तों के अनुसार होगाः
राष्ट्रीय न्यास द्वारा वित्त पोषण के उदाहरण
मासिक आवर्ती लागत | |||
---|---|---|---|
कुल संख्या | निम्न आय समूह की संख्या (बीपीएल सहित) | निम्न आय समूह से ऊपर के दिव्यांगों की संख्या | राष्ट्रीय न्यास द्वारा वित्त पोषित दिव्यांगजनों की संख्या |
30 | 15 | 15 | 15 |
30 | 20 | 10 | 10 |
30 | 10 | 20 | 10 |
30 | 20 (16 बीपीएल और 4 निम्न आय समूह) | 10 | 16 |
30 | 20 (8 बीपीएल और 12 निम्न आय समूह) | 10 | 10 |
I. कार्य केन्द्रों के लिए स्थापना लागत (अगर पंजीकृत संगठन द्वारा इस सुविधा का लाभ उठाया गया है तो)
राष्ट्रीय न्यास द्वारा प्रस्ताव की व्यवहार्यता के सत्यापन के बाद मौजूदा पंजीकृत संगठनों द्वारा खोले गये कार्य केन्द्रों के लिए स्थापना लागत के वित्त पोषण पर विचार किया जाएगा। पंजीकृत संगठनों में मौजूदा स्थापना लागत का लाभ उठाने तथा इन कार्य केन्द्रों में कार्य करने के लिए कम से कम 10 प्रशिक्षित दिव्यांगजनों की उपस्थिति आवश्यक है।
अगर किसी कारणवश कार्य केंद्र अपने संचालन से एक वर्ष के भीतर बंद हो जाता है तो, राष्ट्रीय न्यास द्वारा कार्य केंद्र के लिए दी गयी स्थापना लागत को वापस ले लिया जाएगा।
ऊपर उल्लेखित निम्न आय समूह और बीपीएल के लिए ऩिधि का आवंटन निम्न प्रकार होगाः
कार्य केंद्र के लिए लागत | |||
---|---|---|---|
क्रम संख्या | निधियन का प्रकार | राशि (भारतीय रु. में) | राशि वितरण की समय-सीमा |
I. | स्थापना लागत (खेलकूद कक्ष, मनोरंजन कक्ष, चिकित्सा कक्ष, कंप्यूटर, फर्नीचर, स्कैनर और इंटरनेट कनेक्शन की व्यवस्था) | 1,95,000/- रु. | एक बार |
II. | निर्वाह की लागत | 3,850/- रु. प्रतिमाह # प्रति अतिरिक्त दिव्यांगजन। अतिरिक्त दिव्यांगजन = विकास केंद्र के लिए निर्धारित अधिकतम दिव्यांगजनों की संख्या (30) - उस महीने विकास केंद्र में वास्तविक दिव्यांगजनों की संख्या। यह स्पष्ट है की प्रारंभिक महीनों में पंजीकृत संगठन द्वारा नामांकित दिव्यांगजनों की न्यूनतम संख्या 6 से कम नहीं होनी चाहिए। | मासिक, प्रारंभिक 3 महीने के लिए |
III. | मासिक आवर्ती लागत | 3,850/- रु. प्रति माह, प्रति दिव्यांगजन (अगर दिव्यांगजन द्वारा परिवहन सेवाओं का लाभ उठाया गया है तो प्रति दिव्यांगजन के हिसाब से अतिरिक्त 1000 रु. का परिवहन भत्ता) | मासिक |
IV. | कार्य केंद्र के लिए स्थापना लागत (अगर पंजीकृत संगठन द्वारा इस सेवा लाभ उठाया है तो) | 25,000 रु. से 1,00,000/- रु. तक | स्थिति के आधार |
विकास केन्द्र में विशेष प्रशिक्षक (व्यवसायिक प्रशिक्षण के साथ), भौतिक चिकित्सक या व्यावसायिक चिकित्सक की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। विकास केन्द्र में सेवाप्रदाताओं और आयायें के साथ-साथ दिव्यांगजनों के लिए परामर्शदाता और चिकित्सक भी उपलब्ध होना चाहिए। इन केन्द्रों में भौतिक चिकित्सक तथा भाषा चिकित्सक की उपलब्धता भी आवश्यक है। कर्मचारियों की उपस्थिति के संबंध में निम्नलिखित सूची का पालन किया जाना चाहिए:
कर्मचारियों का विवरण | |||
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क्रम संख्या | श्रेणी | कर्मचारियों की संख्या | कर्मचारियों की विकास केन्द्र में प्रति माह आवश्यकता उपस्थिति का विवरण |
I. | विशेष प्रशिक्षक (अतिरिक्त योग्यता/व्यावसायिक प्रशिक्षक की डिग्री को वरीयता दी जाएगी) | 1 | प्रतिदिन |
II. |
|
1 | सप्ताह में पाँच बार |
III. | परामर्शदाता | 1 | सप्ताह में दो बार |
IV. | सेवाप्रदाता | 1 | प्रतिदिन |
V | आया | 1 | प्रतिदिन |
नई योजनाओं के तहत आवेदन करने के लिए निर्धारित मापदंड निम्नानुसार है –
ध्यान दें: पंजीकृत संगठन के उपरोक्त मापदंडों को पूरा करने में असमर्थ होने पर वे इस योजना के तहत आवेदन नहीं कर सकते।
पात्रता मापदंड
यह अनुभाग पंजीकृत संगठनों को विकास केंद्र खोलने के लिए आवेदन करने और दिव्यांगजनों की विकास केन्द्रों में पंजीकृत करने के लिए पात्रता मापदंड को स्पष्ट करता है।
पंजीकृत संगठनों को विकास केंद्र खोलने के लिए निम्नलिखित मापदंड को पुरा करना आवश्यक हैः
पंजीकृत संगठनों के लिए पात्रता मापदंड | ||
---|---|---|
क्रम संख्या | पात्रता मापदंड | आवश्यक प्रमाण पत्र |
1. | संगठन को राष्ट्रीय न्यास के साथ पंजीकृत होना चाहिए। | राष्ट्रीय न्यास अधिनियम के तहत वैध पंजीकरण प्रमाण पत्र। |
2. | पंजीकृत संगठन को नामांकन के समय से दिव्यांगजन अधिनियम 1995 के तहत पंजीकृत होना चाहिए। | पंजीकरण का प्रमाण पत्र |
3. | संगठन को राष्ट्रीय न्यास अधिनियम के तहत चार प्रकार की विकलांगता में से किसी एक में एक वर्ष के अनुभव के साथ ही दिव्यांग व्यक्तियों के साथ कम से कम 2 वर्ष काम करने का अनुभव होना चाहिए। | पंजीकृत संगठन द्वारा कार्य के ब्यौरे का प्रमाण-पत्र |
4. | गैर-सरकारी संगठन को पंजीकरण फार्म जमा करते समय राष्ट्रीय न्यास या किसी भी अन्य सरकारी संगठन द्वारा ब्लैक लिस्ट नहीं होना चाहिए। | पंजीकृत संगठन द्वारा प्रमाण-पत्र |
दिव्यांगजनों के लिए पात्रता मापदंड
दिव्यांगजनों के लिए विकास केंद्र (राष्ट्रीय न्यास द्वारा वित्त पोषित या गैर-वित्त पोषित) के तहत पंजीकरण के लिए पात्रता मापदंड निम्नलिखित हैः
I.पंजीकृत संगठनों के लिए नामांकन प्रक्रिया
पंजीकृत संगठन नामांकन प्रक्रिया पहली बार विकास आवेदन कर रहें केन्द्रों के नामांकन के लिए आवश्यक प्रकियाओं को स्पष्ट करती है। इसके साथ ही यह आवश्यक जानकारी, दस्तावेजों के विवरण और प्रत्येक गतिविधि के लिए निर्धारित समय-सीमा को भी स्पष्ट करती है।
पहला चरण - राष्ट्रीय न्यास के साथ पंजीकृत गैर सरकारी संगठन को जारी किये गए उपयोगकर्ता का यूजरनेम और पासवर्ड के द्वारा राष्ट्रीय न्यास वेबसाइट पर लॉगइन करना चाहिए।
दूसरा चरण - आवेदन फार्म राष्ट्रीय न्यास की वेबसाइट पर ऑनलाइन उपलब्ध है और इसे केवल ऑनलाइन भरा जा सकता है। विकास योजना में नामांकन करने का आवेदन शुल्क 1000 / - रु. है।
तीसरा चरण - राष्ट्रीय न्यास को आवेदन फार्म प्राप्त होने के बाद इसे सत्यापित किया जाएगा। अगर कोई सूचना/दस्तावेज गलत है या कोई दस्तावेज छूट गया है, तो इसे फिर से भेजा जा सकता है, पंजीकृत संगठन के द्वारा दस्तावेज भेजने के लिए 15 दिन का समय दिया जाता है।
ध्यान दें - पंजीकृत संगठनों और प्रस्तावित विकास केंद्रों से भौतिक सत्यापन संबंधित दस्तावेजों को राष्ट्रीय न्यास की वेबसाइट पर इस योजना के लिए नामांकन के समय या ऑनलाइन आवेदन फार्म भरने के बाद भी प्रस्तुत किया जा सकता है। अगर किसी मामले में पंजीकृत संगठन ऐसा नहीं करता है तो, पंजीकृत संगठन को राष्ट्रीय न्यास से सूचना मिलने के बाद दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा।
चौथा चरण - आवेदन/प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय सभी आवश्यक औपचारिकताओं और प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद लिया जाएगा। दस्तावेजों के सत्यापन के आधार पर अगर संगठन योजना मापदंड और आवश्यकताओं को पूर्ण करता है, तो आवेदन को मंजूरी दी जाती है। किसी विसंगति के मामले में संगठन को सूचित किया जाएगा।
पांचवा चरण - आवेदन प्राप्ति के 45 दिनों के भीतर राष्ट्रीय न्यास द्वारा संगठन से संपर्क किया जाएगा। ऑनलाइन फार्म के मामले में, प्राप्ति की तारीख और समय सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन फार्म जमा करने से मान्य होगी। हालांकि, अगर कोई दस्तावेज अपूर्ण है तो, आवेदन प्राप्ति के 10 दिनों के भीतर राष्ट्रीय न्यास द्वारा संगठन से संपर्क किया जाएगा।
छठा चरण - अगर किसी मामले में ऑनलाइन फार्म भेजने के 15 दिन के भीतर फार्म और अन्य दस्तावेजों की हार्ड कॉपी प्राप्त नहीं होती है तो, राष्ट्रीय न्यास द्वारा निर्धारित समय सीमा (जोकी ऑनलाइन फार्म प्राप्ति से 25 दिनों के भीतर है) के 10 दिनों के भीतर पंजीकृत संगठन से सूचना भेजी जाएगी।
सातवां चरण - सातवें चरण में नामांकन पूर्ण होना प्रदर्शित होगा तथा पंजीकृत संगठन के लिए एक आईडी बनायी जाएगी और इसके संबंध में पंजीकृत संगठन को सुचित किया जाएगा।
आठवां चरण - राष्ट्रीय न्यास द्वारा पंजीकृत संगठन को विकास योजना की पूरी जानकारी युक्त एक स्टार्टर किट/विकास योजना हैंडबुक दी जाएगी।
नौवां चरण – राष्ट्रीय न्यास द्वारा आरओ को स्थापना लागत लागत प्रदान करने के लिए निधि वितरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
II. दिव्यांगजनों के लिए नामांकन प्रक्रिया
विकास केन्द्रों में दिव्यांगजनों के लिए नामांकन प्रक्रिया
पहला चरण – दिव्यांगजन आवश्यक प्रमाण-पत्रों के साथ विकास केंद्र में आते हैं।
दूसरा चरण - विकास केंद्र द्वारा चिकित्सक या परामर्शदाता की मदद से दिव्यांगजन का परीक्षण किया जाता है।
अगर किसी मामले में बच्चे की उम्र 10-14 वर्ष के बीच है, तो -
तीसरा चरण – अगर दिव्यांगजन की उम्र 14 साल से ऊपर है तो, आगे की प्रक्रिया चौथे चरण के अनुसार होगी।
चौथा चरण - दिव्यांगजन को विकास केंद्र में भर्ती करते समय राष्ट्रीय न्यास द्वारा दिव्यांगजन की बीपीएल के तहत वित्त सहयता की पात्रता के लिए जाँच की जाती है।
पाँचवा चरण - माता-पिता या अभिभावक को नीचे उल्लेखित किए गए दस्तावेजों की मूल प्रति और फोटोकॉपी के साथ नामांकन फार्म लाना आवश्यक हैं। प्रत्येक दिव्यांगजन के लिए दस्तावेज और रिकॉर्ड की प्रति अलग-अलग फाइल में रखा जाना चाहिए।
विकास केंद्र में नामांकन के लिए माता-पिता या अभिभावक द्वारा निम्नलिखित दस्तावेज लाया जाना आवश्यक हैं:
छठा चरण - उपरोक्त सभी दस्तावेजों के सफल सत्यापन के बाद दिव्यांगजन को विकास केंद्र में भर्ती कर लिया जाएगा तथा स्टार्टर किट के साथ दिव्यांगजन के माता-पिता या अभिभावकों को एक नामांकन आईडी कार्ड या रसीद दिया जाएगा। केंद्र के कार्यक्रम के बारे में आगे की जानकारी, तारीख, नियमों और व्यवस्था आदि की जानकारी विकास केन्द्र के प्रतिनिधियों द्वारा बतायी जाएगी।
सातवां चरण - इसके अलावा, अगर लाभार्थी ने निरामया स्वास्थ्य बीमा योजना में नामांकन नहीं कराया है तो उसे विकास केन्द्र के प्रतिनिधियों द्वारा निरामया स्वास्थ्य बीमा योजना के बारे में जानकारी भी दी जानी चाहिए। अगर लाभार्थी की निरामया योजना के तहत पंजीकरण में रुचि है तो, उसकी पंजीकरण में मदद भी करनी चाहिए।
अंतिम नवीनीकृत: 28-03-2023
आगंतुक संख्या: 602554