राष्ट्रीय न्यास का मुख्य उद्देश्य दिव्यांगजनों को समाज में अधिक से अधिक भागीदारी और उनके सम्मिलन को सुनिश्चित करना है।
दिव्यांगजनों की क्षमता/कौशल को बढ़ावा देने, उन्हें प्रोत्साहित करने और दिव्यांगजनों के बारे में लोगों की धारणा को बदलने के लिए राष्ट्रीय न्यास ने अलग-अलग राज्यों से सभी चार राष्ट्रीय न्यास के दिव्यांगजनों पर आधारित सफलता की कहानियों और चुनौतियों का अध्ययन किया है।
हमारे समाज में ऐसे लोगों के कई उदाहरण मौजूद हैं।
सुश्री शर्मिला दिवातिया, राष्ट्रीय न्यास बोर्ड की पूर्व सदस्या होने के साथ ही एक अच्छी पाठक भी है। सुश्री शर्मिला दिवातिया गणित और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक है। उन्हें यात्रा करना, साइकल चलाना और तैराकी करना पसन्द है। शर्मिला प्रमस्तिष्क घात नामक विकलांगता से पीडित है, लेकिन उन्होंने मानसिक अस्वस्थता को अपनी प्रगति के रास्ते में नहीं आने दिया है। सुश्री शर्मिला एस्सार के लिए काम करती है और एक वरिष्ठ सूचना प्रौद्योगिकी पेशेवर के पद पर कार्यरत है।
श्री अच्छियूतनल गुहा टीवी मरम्मत, इलेक्ट्रिकल वायरिंग तथा मल्टीमीडिया एप्लिकेशन में प्रशिक्षित है। श्री गुहा ऑटिज्म (स्वपरायणता) नामक विकलांगता से पीडित है। श्री गुहा ऑटिज्म (स्वपरायणता) कार्यालय, नई दिल्ली के लिए खातों और प्रशासनिक कार्यो के प्रबंधन का कार्य करते हैं। श्री गुहा अपनी शादी-शुदा जिन्दगी से पूरी तरह खुश है।
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अंतिम नवीनीकृत: 28-03-2023
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