राष्ट्रीय न्यास

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संभव
(सहायक सामग्री और सहायता उपकरण)

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उद्देश्य

इस योजना के अंतर्गत देश के प्रत्येक ऐसे नगर में अतिरिक्त संसाधन केन्द्रों की स्थापना की जाएगी, जिनकी आबादी 2011 की जनगणना के अनुसार 50 लाख से अधिक हो। इसमें दिल्ली शामिल नहीं है, क्यों यहाँ पहले से एक संभव केन्द्र है। इन केन्द्रों में सहायक सामग्री व सहायता-उपकरणों, सॉफ्टवेयर एवं अन्य सामग्री को समन्वित और संकलित किया जाएगा और उनको प्रदर्शित करने और चलाकर दिखाने का प्रावधान होगा। राष्ट्रीय न्यास की वेबसाइट पर इन संभव केन्द्रों में उपलब्ध सहायक सामग्री व सहायता-उपकरणों से संबंधित सूचना रखने का प्रावधान भी शामिल है।

योजना का विवरण

इस योजना का लक्ष्य भारत के ऐसे प्रत्येक नगर में एक संभव केन्द्र स्थापित करना है, जिसकी जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 50 लाख से अधिक है। पंजीकृत संस्था को प्रत्येक संभव केन्द्र में कम से कम निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए:

I. संभव संसाधन केन्द्र

इन केन्द्रों का लक्ष्य राष्ट्रीय न्यास अधिनियम में विहित विकलांगताओं वाले दिव्यांगजनों की बेहतरी और सशक्तीकरण के लिए उपकरणों, साधनों, सहायक वस्तुओं, सॉफ्टवेयर आदि के बारे में सूचना प्रदान करना और उन तक पहुँच को सुगम बनाना है। साथ ही, संबंधित हितधारकों को उक्त उपकरण दिखाने तथा उनके काम का प्रदर्शन करने का प्रावधान भी रहेगा। इस केन्द्र में दिव्यांगजनों के अनुकूल शयनकक्ष, रसोईघर, शौचालय का निर्माण होना चाहिए, जिसमें लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने में उपयोगी सिद्ध होनेवाले सहायक उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता हो।

राष्ट्रीय न्यास की वेबसाइट पर संभव के संबंध में एक पृष्ठ विकसित किया जाएगा, जिसमें सहायक सामग्री व सहायता-उपकरणों को दर्शाया जाएगा और उनकी जानकारी दी जाएगी। इन केन्द्रों में अनुसंधान को भी बढ़ावा दिया जाएगा। उदाहरण के लिए- विकलांगतायुक्त व्यक्तियों के लिए सहायता- उपकरणों के उपयोग और उपयोगिताओं संबंधी अनुसंधान, नए सहायक उपकरणों के विकास से संबंधित अनुसंधान आदि।

II. सहायक सामग्री और सहायता- उपकरण

प्रत्येक संभव केन्द्र राष्ट्रीय न्यास अधिनियम के अंतर्गत विहित दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सहायक सामग्री व सहायता-उपकरणों का प्रदर्शन करेगा। केन्द्र में उक्त सहायक सामग्री व सहायता-उपकरणों की संदर्भ सूची प्रदर्शित की जाएगी। सहायता-उपकरणों की सूची में शिक्षण किट, गतिशीलता और संप्रेषण आदि से संबंधित सहायक वस्तुएं आदि भी होंगी। केन्द्र के लिए जो भी नई सहायक सामग्री व सहायता-उपकरण खरीदा जाएगा (चाहे वह आयातित ही क्यों न हो), उसकी लागत की प्रतिपूर्ति राष्ट्रीय न्यास द्वारा निर्धारित वित्तीय सीमा के अनुसार की जाएगी।

III. स्टाफिंग

पंजीकृत संस्था प्रबंधकीय स्तर पर एक विशेषज्ञ (प्रबन्धक समन्वयन) की नियुक्ति करेगी, जो राष्ट्रीय न्यास को दैनंदिन आधार पर रिपोर्ट करेगा और जिसके वेतन का भुगतान भी मासिक आवर्ती लागत के हिस्से के रूप में राष्ट्रीय न्यास ही करेगा। इसके अलावा पंजीकृत संस्था कम से कम 2 स्टाफ सदस्यों की नियुक्ति करेगी- एक दैनंदिन परिचालनों और रख-रखाव के लिए और दूसरा उपकरणों के प्रदर्शन और दौरों के आयोजन के लिए।

संभव केन्द्र में नियुक्त किया गया विशेषज्ञ (प्रबन्धक-समन्वयन) संभव केन्द्र के परिचालन व अनुरक्षण के साथ-साथ राष्ट्रीय न्यास अधिनियम में समाहित चार प्रकार की विकलांगताओं के क्षेत्र में कार्यरत अनुसंधान एजेंसियों और शैक्षिक संस्थाओं के साथ समन्वयन में संलग्न रहेगा। संभव केन्द्र के स्टाफ-सदस्यों और प्रबन्धक-समन्वयन को अन्य दायित्वों के निर्वाह साथ-साथ निम्नलिखित गतिविधियों का संचालन भी करना होगाः

  • -अनुसंधान एवं शैक्षिक संस्थानों तथा अन्य पंजीकृत संस्थाओं के लिए केन्द्र का दौरा आयोजित करना
  •  केन्द्र में प्रदर्शित उपकरणों की खरीद में दिव्यांगजनों, पंजीकृत संस्थाओं तथा दिव्यांगजनों के परिवारों की मदद करना
  •  क्षेत्र में स्थित दिव्यांगजनों, पंजीकृत संस्थाओं तथा दिव्यांगजनों के परिवारों तक स्वतःस्फूर्त तरीके से पहुँचना और उन्हें केन्द्र की जानकारी देना और वहाँ आते रहने के लिए उनको आमंत्रित करना
  •  संभव केन्द्र में आगंतुकों की संख्या में वृद्धि सुनिश्चित करना

स्टाफ की आवृत्ति अथवा उनकी समय-सारणी निम्नवत होनी चाहिएः

क्रम सं. श्रेणी स्टाफ की संख्या प्रतिमाह दौरों की आवृत्ति अथवा उनकी न्यूनतम अपेक्षित संख्या
I. प्रबन्धक-समन्वयन 1 सभी कार्य-दिवस
II. स्टाफ-सदस्य 2 सभी कार्य-दिवस

IV. मूलभूत सुविधाएं

केन्द्र को दिव्यांगों के अनुकूल होना चाहिए और उसमें कार्यालय के बुनियादी उपकरण जैसे पर्सनल कंप्यूटर, स्टेशनरी, स्कैनर आदि होने चाहिए, ताकि राष्ट्रीय न्यास से संपर्क रखा जा सके और कार्यालय के अन्य अपेक्षित कार्य किए जा सकें।

निधीयन पद्धति

राष्ट्रीय न्यास संभव केन्द्र को निम्नलिखित शीर्षों के अंतर्गत धन-राशि प्रदान करेगाः

III. स्थापना लागत

यह अनावृत्तिक और एक बार दी जानेवाली लागत है, जो पंजीकृत संस्था को प्रारंभ में संभव केन्द्र स्थापित करने के लिए दी जाएगी। संभव केन्द्र की स्थापना के लिए पंजीकृत संस्था को दो महीने की अवधि दी जाएगी। धन-राशि का संवितरण चरणों में, निम्नवत किया जाएगाः

क. चरण I. प्रारंभ में राष्ट्रीय न्यास धन-राशि का 50% कार्यालय स्थापित करने, प्रदर्शनी लगाने, फर्नीचर और उपकरणों की खरीद के लिए प्रदान करेगा। पंजीकृत संस्था केन्द्र में प्रदर्शन केलिए दिव्यांग-अनुकूल शयन-कक्ष, शौचालय और रसोईघर भी तैयार करेगी।

ख. चरण II. स्थापना के दूसरे महीने के बाद, पंजीकृत संस्था स्थापना पूरी होने की रिपोर्ट देगी, जिसके बाद एसएनएसी (राज्य नोडल एजेंसी केन्द्र)/एलएलसी (स्थानीय स्तर की समिति)/राष्ट्रीय न्यास/सरकार के पदाधिकारी/समाज कल्याण/डीसी (जिला कलेक्टर)/डीएम (जिला मजिस्ट्रेट) कार्यालय के अधिकारी केन्द्र का भौतिक सत्यापन करेंगे। विधिवत सत्यापन के पश्चात् शेष 50% धन-राशि प्रदान की जाएगी।

*कृपया नोट करें कि प्रत्येक संभव केन्द्र की स्थापना के लिए प्रदान की जानेवाली कुल राशि (चरण I व II दोनों को मिलाकर) भारतीय रु. 10,00,000/- से अधिक नहीं होगी।

मासिक आवर्ती लागत

राष्ट्रीय न्यास संभव केन्द्र को चलाने और गतिविधियों के संचालन के लिए मासिक आवर्ती लागत का भुगतान करेगा। इसमें संभव केन्द्र के प्रबंधक समन्वयन को भुगतान किया जानेवाला वेतन भी शामिल है।

II. प्रत्येक वर्ष केन्द्र में खरीदे जाने वाले नए उपकरणों के लिए प्रतिपूर्ति

पहले वर्ष के परिचालनों के पूरा होने के बाद, जो नई सहायक वस्तुएं एवं उपकरण केन्द्र के लिए खरीदे जाएँगे, उनकी प्रति वास्तविक मूल्य के अनुसार केन्द्र को की जाएगी। इसकी अधिकतम वित्तीय सीमा निम्नलिखित तालिका में दी गई हैः

उपर्युक्त शीर्षों के अंतर्गत आवंटित धन-राशि निम्नवत हैः

क्रम सं. निधीयन शीर्ष राशि(भारतीय रुपये) धन-राशि संवितरण की आवृत्ति
I. स्थापना लागत 10,00,000/- जो 2 चरणों में संवितरित किए जाएंगे चरण I: कुल संवितरित की जानेवाली राशि रु.5,00,000/-. चरण II:धन-राशि की प्रतिपूर्ति, उपकरणों की खरीद पर आई वास्तविक लागत के प्रति कृपया ध्यान दें- चरण I व II में भुगतान की गई अधिकतम राशि रु. 10,00,000 से अधिक नहीं होगी। एक बार चरण I – संभव आवेदन के अनुमोदन पर चरण II – स्थापना अवधि के आरंभ होने से स्थापना अवधि-60 दिन (2 महीने) समाप्त होने पर,
II. मासिक आवर्ती लागत 40,000/- प्रति माह* *इसमें प्रबन्धक-समन्वयन का पारिश्रमिक रु. 20,000 शामिल है। शेष राशि किराए, बिजली, जल-प्रभार और कार्यालय-व्यय आदि पर खर्च की जाएगी। अर्द्ध-वार्षिक आधार पर देय
III. केन्द्र में प्रत्येक वर्ष जुड़नेवाले नए उपकरणों के लिए प्रतिपूर्ति वास्तविक आधार पर, अधिकतम सीमा रु. 3,20,000/- प्रति वर्ष वार्षिक

पात्रता मानदंड

इस खंड में संभव केन्द्र खोलने के लिए आवेदन करने हेतु पंजीकृत संस्था के पात्रता मानदंड विनिर्दिष्ट हैं।

पंजीकृत संस्था के लिए पात्रता मानदंड

संभव केन्द्र के लिए नामांकन हेतु पंजीकृत संस्था को निम्नलिखित पात्रता मानदंडों को पूरा करना चाहिए:

क्रम सं. पात्रता मानदंड अपेक्षित दस्तावेज़
1. अनुरोध-कर्ता संगठन को राष्ट्रीय न्यास में पंजीकृत होना चाहिए राष्ट्रीय न्यास पंजीकरण प्रमाण /प्रमाणपत्र
2. संभव केन्द्र की प्रस्तावित अवस्थिति ऐसे नगर/क्षेत्र में होनी चाहिए जिसकी आबादी 50 लाख से अधिक हो (2011 की जनगणना के अनुसार) प्रस्तावित अवस्थिति का पता प्रमाण
3. योजना नामांकन फॉर्म प्रस्तुत करने की तारीख को पंजीकृत संस्था पीडब्ल्यूडी अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत होनी चाहिए। पंजीकरण प्रमाण/प्रमाणपत्र
4. संभव केन्द्र में तैनात किए जाने के लिए प्रस्तावित 3 में से कम से कम 2 कार्मिक यानी प्रबन्धक और 2 स्टाफ-सदस्यों में से 2 स्टाफ-सदस्यों को कम से कम 2 को राष्ट्रीय न्यास अधिनियम में समाहित दिव्यांगजनों के साथ काम करने का अनुभव होना चाहिए पंजीकृत संस्था का वचनपत्र, जिसमें काम का विवरण दिया गया हो।
5. प्रस्तावित स्थान में कम से कम 800 वर्गफुट की जगह  होनी चाहिए, जो सिर्फ संभव केन्द्र की स्थापना करने और उसके लिए प्रयोग हेतु उपलब्ध हो पंजीकृत संस्था का वचनपत्र, जिसमें क्षेत्रफल और स्थान का विवरण हो
6. योजना नामांकन फॉर्म प्रस्तुत करने की तारीख में एनजीओ राष्ट्रीय न्यास/किसी अन्य सरकारी संगठन द्वारा ब्लैकलिस्ट की गई न हो पंजीकृत संस्था की घोषणा

प्रक्रियाएँ

इस खंड में संभव योजना के संबंध में निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए पालन की जानेवाली प्रक्रियाओं का वर्णन हैः

  1. पंजीकृत संस्था द्वारा संभव केन्द्र के लिए नामांकन कराना
  2. तीन लागत-श्रेणियों (स्थापना-लागत, मासिक आवर्ती लागत और नए उपकरणों की खरीद) के लिए धन-राशि का संवितरण
  3. राष्ट्रीय न्यास द्वारा संभव केन्द्र की रिपोर्टिंग और निगरानी

निम्नलिखित चित्र में संभव योजना का समस्त प्रक्रिया-प्रवाह दर्शाया गया है:

संभव योजना का समस्त प्रक्रिया-प्रवाह

नामांकन – राष्ट्रीय न्यास द्वारा पंजीकृत संस्था से प्रस्ताव का आमंत्रण-> 30 दिन के भीतर  ->पंजीकृत संस्था के प्रस्ताव का राष्ट्रीय न्यास द्वारा सत्यापन   ->15 दिन के भीतर   ->राष्ट्रीय न्यास द्वारा प्रस्ताव का भौतिक सत्यापन आरंभ-> राष्ट्रीय न्यास द्वारा प्रस्ताव को अंतिम रूप देना  ->राष्ट्रीय न्यास द्वारा चयनित पंजीकृत संस्था को सूचना

स्थापना- 60 दिन -  चरण 1 स्थापना धन-राशि का राष्ट्रीय न्यास द्वारा पंजीकृत संस्था को अंतरण ->30 दिन की समाप्ति तक  ->चरण2 स्थापना धन-राशि राष्ट्रीय न्यास द्वारा पंजीकृत संस्था को अंतरण  -> 30 दिन की समाप्ति तक   ->संभव केन्द्र स्थापना संपन्न और परिचालन आरंभ   ->15 दिन के भीतर   ->चरण 3 स्थापना धन-राशि का राष्ट्रीय न्यास द्वारा पंजीकृत संस्था को अंतरण

संभव केन्द्र से राष्ट्रीय न्यास को मासिक रिपोर्ट प्राप्त->15 दिन के भीतर ->राष्ट्रीय न्यास द्वारा पंजीकृत संस्था को मासिक आवर्ती लागत का अंतरण

प्रोत्साहन->सहायता   

परिचालन

सहायक सामग्री/सहायता- उपकरण के नमूने का प्रस्ताव विकसित

कृपया ध्यान दें कि पंजीकृत संस्थाओं से अपेक्षित है कि वे प्रक्रियाओं के प्रत्येक चरण में उल्लिखित समय-सीमा का कड़ाई से पालन करें। किन्तु यदि वे ऐसा करने में विफल रहती हैं, तो राष्ट्रीय न्यास को अधिकार है कि वह आगे की जानेवाली कार्रवाई पर पुनर्विचार करे, बशर्ते पंजीकृत संस्था विलंब के लिए समुचित स्पष्टीकरण दे।

पंजीकृत संस्था नामांकन (प्रथम अनुमोदन) प्रक्रिया

पंजीकृत संस्था नामांकन प्रक्रिया में उन चरणों का उल्लेख है, जिनका संभव केन्द्र खोलने के लिए पहली बार आवेदन करते समय पालन किया जाना चाहिए। साथ ही, इसमें प्रत्येक चरण में अपेक्षित सूचनाओं और दस्तावेज़ों तथा जहाँ लागू हो, वहाँ प्रत्येक गतिविधि की समय-सीमाओं का भी उल्लेख है।

चरण 1. राष्ट्रीय न्यास संभव केन्द्र खोलने के लिए पंजीकृत संस्था से आवेदन आमंत्रित करता है।

चरण 2. राष्ट्रीय न्यास में पंजीकृत एनजीओ राष्ट्रीय न्यास की वेबसाइट पर लॉग इन करता है।

चरण 3. आवेदन फॉर्म ऑनलाइन प्रस्तुत किया जाना चाहिए। साथ ही रु. 1000 के आवेदन शुल्क का भुगतान किया जाना चाहिए। पंजीकृत संस्था को राष्ट्रीय न्यास द्वारा आमंत्रण जारी किए जाने के 30 दिन के भीतर अपेक्षित दस्तावेज़ों के साथ आवेदन/प्रस्ताव प्रस्तुत करने चाहिए। पंजीकृत संस्था को आवेदन फॉर्म प्रेषित करना चाहिए और निम्नलिखित चरणों के अनुसार प्रक्रिया का पालन करना चाहिएः

  • संभव आवेदन फॉर्म ऑनलाइन भरें और अपेक्षित दस्तावेज़ स्कैन करके अपलोड करें *
  • विधिवत भरा गया फॉर्म राष्ट्रीय न्यास के पोर्टल पर प्रस्तुत करें
  • आवेदन शुल्क का ऑनलाइन भुगतान करें
  • विधिवत भरे गए आवेदन फॉर्म के प्रिंट आउट और तत्संबंधी दस्तावेज राष्ट्रीय न्यास को डाक/कुरियर से भेजें।

टिप्पणीः बिना आवेदन शुल्क के प्राप्त दस्तावेज़ों पर विचार नहीं किया जाएगा।

*नामांकन के उद्देश्य से पंजीकृत संस्था को निम्नलिखित दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होंगे:

1. पात्रता मानदंड पूरा करने संबंधी दस्तावेज़

2. प्रस्तावित संपत्ति के पते का प्रमाणः स्वत्व विलेख/स्वामित्व प्रमाणपत्र/पट्टा-विलेख/पंजीकृत संस्था का किराया करार/स्वामी की इस आशय की घोषणा कि वे संपत्ति संभव केन्द्र के लिए उपलब्ध कराएँगे

3. वर्तमान स्थापना के बारे में पंजीकृत संस्था की घोषणा, जिसमें निम्नलिखित समाहित होः

क.वर्तमान सुविधाएं और मूलभूत संरचना

ख.वर्तमान में संचालित की जा रही गतिविधियाँ

ग. स्टाफ का विवरण- योग्यता और अनुभव सहित

4. योजना का प्रस्ताव, निम्नलिखित सहित-

क. संपत्ति के विवरण

ख. प्रस्तावित सहायक सामग्री और उपकरण

ग. स्थापना अवधि (2 माह) पश्चात् प्रस्तावित विशेषज्ञों/स्टाफ का विवरण व उनका पारिश्रमिक- कम से कम एक पर्यवेक्षक, दो अनुसंधान सहायक, आया और अन्य स्टाफ

घ. उपलपब्ध/प्रस्तावित दिव्यांग-अनुकूल प्रावधानों (पहुँच-योग्य परिसर, पहुँच-योग्य शौचालय, फर्नीचर व फिक्स्चर) का विवरण

यदि किसी नगर में एक से अधिक आवेदन प्राप्त हुए तो पंजीकृत संस्था का चयन उसके कार्यानुभव, प्रतिवर्ष आगंतुकों की न्यूनतम संख्या संबंधी वचनबद्धता, परिसर की बेहतर अवस्थिति, पंजीकृत संस्था द्वारा वर्तमान में चलाई जा रही योजनाओं और परिसर के स्वामित्व-आधारित अथवा पट्टाधारित होने के आधार पर किया जाएगा।

राष्ट्रीय न्यास के आवेदन फॉर्म और दस्तावेज़ प्राप्त होने पर उनका सत्यापन किया जाता है और तत्पश्चात् भौतिक सत्यापन आरम्भ किया जाता है।

चरण 1. पंजीकृत संस्था, प्रस्तावित संभव केन्द्र और प्रस्तुत किए गए दस्तावेज़ों का भौतिक सत्यापन एसएनएसी/एलएलसी/राष्ट्रीय न्यास/सरकार/समाज कल्याण/डीसी/डीएम कार्यालय के पदाधिकारियों द्वारा किया जाता है।

चरण 2. आवेदन/प्रस्ताव पर अन्तिम निर्णय सभी आवश्यक औपचारिकताओं और प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद लिया जाता है। दस्तावेज़ों के सत्यापन के आधार पर यदि पंजीकृत संस्था योजना के मानदंडों और अपेक्षाओं को पूरा करती है तो आवेदन को अनुमोदित किया जाता है। यदि कोई विसंगति हो तो पंजीकृत संस्था को तदनुसार सूचित किया जाता है।

चरण 3. पंजीकृत संस्था का चयन और राष्ट्रीय न्यास द्वारा पंजीकृत संस्था को सूचना देने का कार्य राष्ट्रीय न्यास द्वारा पंजीकृत संस्था को आवेदन जारी करने से 60 दिन के भीतर यानी आवेदन के अंतिम दिन से 30 दिन के भीतर पूरा किया जाएगा।

चरण 4. प्रत्येक नगर में चयनित पंजीकृत संस्था के साथ योजना-वचनपत्र हस्ताक्षरित किया जाता है। पंजीकृत संस्था के लिए योजना की पहचान संख्या सृजित की जाती है और तत्संबंधी पुष्टि पंजीकृत संस्था को प्रेषित की जाती है।

चरण 5. राष्ट्रीय न्यास द्वारा पंजीकृत संस्था को एक स्टार्टर किट/संभव हैंडबुक भी दी जाती है, जिसमें संभव योजना के पूरे विवरण दिए गए हैं।

चरण 6. राष्ट्रीय न्यास द्वारा पंजीकृत संस्था को स्थापना व्यय प्रदान करने के लिए धन-राशि संवितरण प्रक्रिया आरंभ की जाती है।

धन-राशि संवितरण प्रक्रिया

संभव केन्द्र के लिए धन-राशि का संवितरण ऊपर उल्लिखित तीन लागत-श्रेणियों के अंतर्गत किया जाएगा। इस खंड में हमने उक्त तीनों श्रेणियों के लिए धन-राशि संवितरण की प्रक्रिया को सूचीबद्ध किया है। कृपया ध्यान दें कि प्रत्येक पंजीकृत संस्था को राष्ट्रीय न्यास से संभव योजना के अंतर्गत प्राप्त धन-राशि के लिए किसी उपयुक्त लेजर में पृथक लेखा तैयार करना चाहिए, जिसमें प्राप्त राशि, व्यय की गई राशि और हाथ में शेष राशि अंकित हो।

आरंभिक स्थापना लागत के लिए धन-राशि का संवितरण

यह प्रक्रिया राष्ट्रीय न्यास द्वारा पंजीकृत संस्था के नामांकन अनुमोदन के पश्चात् आरंभ की जाती है। राष्ट्रीय न्यास द्वारा संभव केन्द्र के लिए आवेदन के अनुमोदन के पश्चात्, आरंभिक स्थापना राशि, निम्नलिखित तीन चरणों में संवितरित की जाएगी।

चरण I में निधियों का संवितरण

धन-राशि का पहला हिस्सा राष्ट्रीय न्यास द्वारा पंजीकृत संस्था का अनुमोदन किए जाने के 15 दिन के भीतर अंतरित कर दिया जाना चाहिए। यह अनावृत्तिक, एक बार प्रदान की जानेवाली लागत है, जो पंजीकृत संस्था को प्रारंभ में संभव केन्द्र की स्थापना के लिए प्रदान की जाएगी। संभव केन्द्र की स्थापना के लिए पंजीकृत संस्था को दो महीने का समय दिया जाएगा।

राष्ट्रीय न्यास पहले कार्यालय के साजो-सामान, दिव्यांगजन के अनुरूप प्रावधानों (शयनकक्ष, शौचालच, रसोई घर आदि) तथा निधीयन पद्धति खंड में उल्लिखित उपकरणों की आरंभिक खरीद के लिए धन-राशि प्रदान करेगा।

चरण 1. राष्ट्रीय न्यास का योजना-प्रभारी अपने आंतरिक वित्त विभाग को निर्देश जारी करेगा।

चरण 2. राष्ट्रीय न्यास का आंतरिक वित्त विभाग वरीयतः एनईएफटी अथवा आरटीजीएस के माध्यम से पंजीकृत संस्था को धन-राशि अंतरित करेगा। (नकद संवितरण की अनुमति नहीं है)

चरण 3. योजना-प्रभारी को संव्यवहार की पुष्टि भेजी जाएगी।

चरण 4. योजना-प्रभारी द्वारा संबंधित पंजीकृत संस्था को संव्यवहार की पुष्टि भेजी जाएगी।

चरण 5. राष्ट्रीय न्यास का आंतरिक वित्त विभाग धन-राशि के अंतरण के ब्यौरों के रिकॉर्ड रखेगा।

चरण 6. यदि धन-राशि विनिर्दिष्ट समय-सीमा में संवितरित नहीं की जाती हैं तो पंजीकृत संस्था वेबसाइट के माध्यम से अथवा संबंधित अधिकारी को उसके कार्यालय के फोन नंबर पर फोन करके एस्केलेशन मैट्रिक्स के अनुसार मामले को आगे बढ़ा सकती है।

चरण II में धन-राशि का संवितरण

चरण II का धन-राशि संवितरण संभव केन्द्र की स्थापना का कार्य पूरा होने के बाद आरंभ होगा। पंजीकृत संस्था निम्नलिखित चरणों का पालन करेगी:

चरण 1. पंजीकृत संस्था स्थापना के दूसरे महीने के अंत में (जिससे स्थापना का कार्य संपन्न माना जाता है) निम्नलिखित दस्तावेज प्रस्तुत करके धन-राशि के संवितरण का दूसरा चरण आरंभ करेगी,

चरण II में धन-राशि के संवितरण के लिए प्रस्तुत किए जानेवाले दस्तावेज़ :

क) स्थापना पूरी होने की तारीख, परिचालन आरंभ होने की तारीख सहित

ख) भौतिक सत्यापन के बाद एसएनएसी/एलएलसी-अध्यक्ष/राष्ट्रीय न्यास/राज्य सरकार/समाज कल्याण/डीसी/डीएम-कार्यालय के अधिकारियों द्वारा जारी स्थापना पूर्ण होने संबंधी प्रमाणपत्र

ग) चरण I और चरण II में खरीदे गए उपकरणों की खरीद के प्रमाण

घ) संभव केन्द्र पर तैनात किए जानेवाले स्टाफ की सूची, निम्नलिखित दस्तावेज़ों के साथः

अ) प्रस्ताव/कार्य-ग्रहण पत्र

आ) स्टाफ का पहचान प्रमाणपत्र

इ) स्टाफ के पारिश्रमिक के विवरण

चरण 1. राष्ट्रीय न्यास का योजना-प्रभारी दस्तावेज़ों का सत्यापन करेगा और तत्पश्चात् अपने आंतरिक वित्त विभाग को निर्देश जारी करेगा।

चरण 2. राष्ट्रीय न्यास का आंतरिक वित्त विभाग वरीयतः एनईएफटी अथवा आरटीजीएस के माध्यम से पंजीकृत संस्था को धन-राशि अंतरित करेगा। नकद संवितरण की अनुमति नहीं है।

चरण 3. योजना-प्रभारी को संव्यवहार की पुष्टि भेजी जाएगी।

चरण 4. योजना-प्रभारी द्वारा संबंधित पंजीकृत संस्था को संव्यवहार की पुष्टि भेजी जाएगी।

चरण 5. राष्ट्रीय न्यास का आंतरिक वित्त विभाग धन-राशि के अंतरण के ब्यौरों के रिकॉर्ड रखेगा।

चरण 6. यदि धन-राशि विनिर्दिष्ट समय-सीमा में संवितरित नहीं की जाती हैं तो पंजीकृत संस्था वेबसाइट के माध्यम से अथवा संबंधित अधिकारी को उसके कार्यालय के फोन नंबर पर फोन करके एस्केलेशन मैट्रिक्स के अनुसार मामले को आगे बढ़ा सकती है।

मासिक आवर्ती लागत के लिए धन-राशि संवितरण

इस खंड में स्थापना अवधि (जो 2 महीने है) के समाप्त होने के प्रत्येक 6 महीने बाद मासिक आवर्ती लागत के लिए धन-राशि संवितरण की प्रक्रिया निर्दिष्ट है ।

चरण 1. मासिक आवर्ती धन-राशि जारी करने के लिए पंजीकृत संस्था छमाही रिपोर्टें प्रस्तुत करेगी, जिसमें निम्नलिखित विवरणों का समावेश होगाः

संभव केन्द्र की मासिक आवर्ती लागत जारी करने के लिए पंजीकृत संस्था द्वारा प्रस्तुत किए जानेवाले दस्तावेज़ निम्नवत हैं:

क) धन-राशि अनुरोध फॉर्म जिसमें योजना के अनुसार संदर्भाधीन महीने के लिए संवितरित की जानेवाली राशि के विवरण दिए गए हों

संभव मासिक रिपोर्ट: पंजीकृत संस्था निम्नलिखित गतिविधियों के विवरण प्रस्तुत करे

  • कर्मचारी-विवरण- नाम, आयु, लिंग
  • कर्मचारियों का उपस्थिति अभिलेख
  • केन्द्र खुला रहने के दिनों की संख्या
  • आगंतुकों की सूची
  • संपर्क किए गए पंजीकृत संस्थाओं तथा दिव्यांगजनों की सूची

ख) यदि कर्मचारियों की स्थिति में कोई परिवर्तन हो तो कर्मचारी विवरण निम्नवत दिए जाएँ:

क. प्रस्ताव /कार्य-ग्रहण पत्र

ख. स्टाफ का पहचान-प्रमाण पत्र

ग. स्टाफ के पारिश्रमिक के विवरण

चरण 1. राष्ट्रीय न्यास द्वारा दस्तावेज़ों के सत्यापन के बाद मासिक आवर्ती राशि पंजीकृत संस्था से दस्तावेज़ मिलने के 15 दिन के भीतर संवितरित की जाएगी।

चरण 2. राष्ट्रीय न्यास का योजना-प्रभारी अपने आंतरिक वित्त विभाग को निर्देश जारी करेगा।

चरण 3. राष्ट्रीय न्यास का आंतरिक वित्त विभाग एनईएफटी अथवा आरटीजीएस के माध्यम से पंजीकृत संस्था को धन-राशि अंतरित करेगा। नकद संवितरण की अनुमति नहीं है।

चरण 4. अनुरोधकर्ता अधिकारी को संव्यवहार पुष्टि भेजी जाएगी।

चरण 5. अनुरोधकर्ता अधिकारी द्वारा संबंधित पंजीकृत संस्था को संव्यवहार की पुष्टि भेजी जाएगी।

चरण 6. राष्ट्रीय न्यास का आंतरिक वित्त विभाग धन-राशि के अंतरण के ब्यौरों के रिकॉर्ड रखेगा।

चरण 7. यदि धन-राशि विनिर्दिष्ट समय-सीमा में संवितरित नहीं की जाती हैं तो पंजीकृत संस्था वेबसाइट के माध्यम से अथवा संबंधित अधिकारी को उसके कार्यालय के फोन नंबर पर फोन करके एस्केलेशन मैट्रिक्स के अनुसार मामले को आगे बढ़ा सकती है।

प्रतिवर्ष केन्द्र में खरीदे गए नए उपकरणों के लिए संवितरण

आरंभिक तारीख से प्रथम वर्ष के परिचालन पूरे करने के पश्चात् केन्द्र में खरीदे गए नए सहायक सामान एवं उपकरणों के लिए केन्द्र को वास्तविक मूल्य के अनुसार प्रतिपूर्ति की जाएगी (वर्ष की समाप्ति पर प्रत्येक वर्ष गतिविधि दुहराई जा सकती है)।

चरण 1. केन्द्र में कोई नयी सहायक सामग्री, उपकरण आदि खरीदने की स्थिति में पंजीकृत संस्था निम्नलिखित दस्तावेज़ प्रस्तुत करते हुए प्रतिपूर्ति की प्रक्रिया आरंभ करेगी-

नए उपकरणों के लिए राशि जारी करने के लिए पंजीकृत संस्था द्वारा प्रस्तुत किए जानेवाले दस्तावेज़ निम्नवत हैं-

क) खरीद की रसीद

ख) उत्पाद और उसकी उपयोगिता के विवरण, तत्संबंधी दस्तावेज़ों के साथ। राष्ट्रीय न्यास अधिनियम में समाहित दिव्यांगजनों के लिए उसकी व्यवहार्यता तथा परिकल्पित लाभ।

चरण 1. राष्ट्रीय न्यास अपने आंतरिक वित्त विभाग को निर्देश जारी करेगा।

चरण 2. राष्ट्रीय न्यास का आंतरिक वित्त विभाग एनईएफटी अथवा आरटीजीएस के माध्यम से पंजीकृत संस्था को धन-राशि अंतरित करेगा। नकद संवितरण की अनुमति नहीं है।

चरण 3. अनुरोधकर्ता अधिकारी को संव्यवहार पुष्टि भेजी जाएगी।

चरण 4. अनुरोधकर्ता अधिकारी द्वारा संबंधित पंजीकृत संस्था को संव्यवहार की पुष्टि भेजी जाएगी।

चरण 5. राष्ट्रीय न्यास का आंतरिक वित्त विभाग धन-राशि के अंतरण के ब्यौरों के रिकॉर्ड रखेगा।

चरण 6. यदि धन-राशि विनिर्दिष्ट समय-सीमा में संवितरित नहीं की जाती हैं तो पंजीकृत संस्था वेबसाइट के माध्यम से अथवा संबंधित अधिकारी को उसके कार्यालय के फोन नंबर पर फोन करके एस्केलेशन मैट्रिक्स के अनुसार मामले को आगे बढ़ा सकती है।

निगरानी प्रणाली

संभव केन्द्र की निगरानी वर्ष में दो बार यानी प्रत्येक छमाही पर, अक्तूबर और मार्च में की जाएगी। संभव केन्द्र द्वारा प्रति वर्ष अक्तूबर और मार्च के अंत में संभव कार्रवाई डॉकेट प्रस्तुत किए जाने चाहिए।

संभव कार्रवाई डॉकेट में निम्नलिखित दस्तावेज़ शामिल हैं:

क) संभव कार्रवाई रिपोर्ट में निम्नलिखित शामिल हैः

  • व्यय-विवरण
  • कार्य-निष्पादन रिपोर्ट (केपीआई आधारित) और तत्संबंधी दस्तावेज़
  • नामांकित की गई प्रत्येक योजना की विशिष्ट उपलब्धियाँ और गतिविधियाँ, जिनपर प्रकाश डाला जा सकता है (यदि हों)
  • पंजीकृत संस्था की वार्षिक रिपोर्ट, जो वार्षिक आधार पर प्रस्तुत की जानी है
  • आगंतुकों की सूची

ख) अगले 6 महीनों के लिए प्रस्तावित कार्य-योजना

  • कोई आनेवाला/नियोजित कार्यक्रम

ग) प्रतिसूचना/सुझाव

  • योजना-वार और सामान्य, दोनों

घ) पंजीकृत संस्था द्वारा नए उपकरणों के संबंध में जानकारी एकत्र करने, अनुसंधान संस्थानों से संपर्क, सूचना के प्रचार-प्रसार के नवोन्मेषी सिद्धान्तों और केन्द्र में प्रदर्शन के बारे में न्यूनतम 500 शब्दों की रिपोर्ट

क) पंजीकृत संस्थाओं से अपेक्षित है कि वे उपर्युक्त दस्तावेज़ राष्ट्रीय न्यास को समय से प्रस्तुत करें। डॉकेट प्रस्तुत करने के लिए अधिकतम 1 महीने की समय-सीमा दी जाएगी, यानी रिपोर्ट प्रतिवर्ष 30 अप्रैल तक प्रस्तुत कर दी जानी चाहिए।

ख) रिपोर्ट के प्रस्तुतीकरण में विफलता की स्थिति में राष्ट्रीय न्यास 20 दिन, 10 दिन और 5 दिन के अंतराल पर (अधिकतम 3 बार) अनुस्मारक भेजेगा।

ग) ऐसी परिस्थिति में जब तक राष्ट्रीय न्यास को दस्तावेज़ प्राप्त नहीं हो जाते, तब तक के लिए धन-राशि संवितरण पर रोक लगा दी जाएगी। 3 बार लगातार विफल रहने पर आगे की कार्रवाई के निर्धारण के लिए मामला संयुक्त सचिव एवं मंजूरी-समिति के संज्ञान में लाया जाएगा।

घ) जिस मामले में पंजीकृत संस्था 3 चेतावनियों से पहले दस्तावेज़ राष्ट्रीय न्यास को भेज देगी, उनमें आवधिक चक्र की धन-राशि और रोकी गई धन-राशि का संवितरण किया जाएगा।

ङ) संभव कार्रवाई डॉकेट प्राप्त होने के बाद राष्ट्रीय न्यास में दस्तावेज़ों का विश्लेषण और सत्यापन किया जाता है।

च) राष्ट्रीय न्यास से भी अपेक्षित है कि वह प्रस्तावित कार्य-योजना के लिए सहायता और सुझाव दे।

कार्यनिष्पादन के प्रमुख सूचक

संभव केन्द्रों की निगरानी प्रणाली कार्यनिष्पादन के प्रमुख सूचकों पर आधारित है। संभव केन्द्रों से अपेक्षा की जाती है कि वे सामान्य दैनंदिन कार्य-कलापों के साथ-साथ प्रमुख कार्यनिष्पादन सूचक के रूप में उल्लिखित बिन्दुओं पर काम करें। यदि संभव केन्द्र का केपीआई-लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर रहे हों, तो राष्ट्रीय न्यास बेहतर कार्यनिष्पादन की दृष्टि से उनका पथ-प्रदर्शक बनकर उन्हें सही दिशा दिखा सकता है।

प्रेरणा योजना के केपीआई और तत्संबंधी लक्ष्य नीचे दिए गए हैं:

केपीआई का नाम केपीआई वेटेज केपीआई विवरण लक्ष्य अपेक्षित दस्तावेज़
  1. आगंतुकों की संख्या में वृद्धि
50% प्रतिवर्ष संभव केन्द्र के आगंतुकों की कुल संख्या प्रति वर्ष आगंतुकों की कुल संख्या में कम से कम 20% की वृद्धि होनी चाहिए
  • पंजीकृत संस्था की घोषणा, जिसमें आगंतुकों की केन्द्र-वार सूची हो
  1. केन्द्र के दौरों का आयोजन
50% संभव केन्द्र द्वारा स्थानीय पंजीकृत संस्थाओं और अन्य शैक्षिक/चिकित्सा संस्थानों को संभव केन्द्र देखने के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए केन्द्र द्वारा प्रतिवर्ष कम से कम 20 पंजीकृत संस्थाओं, 20 शैक्षिक संस्थानों (स्कूल, कॉलेज आदि) और 10 चिकित्सा संस्थाओं (अस्पताल, क्लीनिक आदि) को दौरे पर आमंत्रित किया जाना चाहिए
  • पंजीकृत संस्था की घोषणा, आयोजित दौरों के विवरण सहित

संभव केन्द्र से अपेक्षा की जाती है कि वह वार्षिक आधार पर कम से कम 50% केपीआई प्राप्त करे। यदि संभव केन्द्र इस लक्ष्य को प्राप्त करने में विफल रहता है तो राष्ट्रीय निधि को अगले वर्ष प्रदान की जानेवाली निधि पर पुनर्विचार करने का अधिकार है, बशर्ते पंजीकृत संस्था इस संबंध में समुचित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करे।

शिकायत निवारण

यदि पंजीकृत संस्था को योजना के संबंध में कोई समस्या हो तो पंजीकृत संस्था या तो वेबसाइट में लॉगइन करके शिकायत समाधान सिस्टम में उक्त समस्या को दर्ज़ कर सकते हैं या राष्ट्रीय न्यास के संबंधित अधिकारी या मुख्य कार्यकारी अधिकारी से कार्यालय के फोन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।

एस्केलेशन मैट्रिक्स

यदि कभी राष्ट्रीय न्यास द्वारा इस दस्तावेज में उल्लिखित समय-सीमा का अतिक्रमण हो तो पंजीकृत संस्था उसे राष्ट्रीय न्यास के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के संज्ञान में ला सकती है। यदि राष्ट्रीय न्यास के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मामले का एक समुचित समय-सीमा में समाधान नहीं देते तो पंजीकृत संस्था मामले को राष्ट्रीय न्यास के निदेशक-मंडल के अध्यक्ष के साथ उठा सकती है।

अंतिम नवीनीकृत: 28-03-2023

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